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सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से प्राइवेट हॉस्पिटलों को सरकारी एंबुलेंस से भेजे जा रहे मरीज


सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से प्राइवेट हॉस्पिटलों को सरकारी एंबुलेंस से भेजे जा रहे मरीज

 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने साधी चुप्पी

शाहजहांपुर,जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार लाखों रुपए खर्च कर प्रचार प्रसार के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को जागरुक कर रही है और प्रोत्साहन राशि देकर प्रसव सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ही कराने का प्रचार प्रसार कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार सरकार के इस प्रचार प्रसार को ठेंगा दिखा रहे हैं शाहजहांपुर जनपद में सरकारी एंबुलेंस सरकारी हॉस्पिटलों से प्राइवेट हॉस्पिटलों को दिनदहाड़े मरीज पहुंचा रही है इसका वीडियो भी अब शाहजहांपुर जनपद में जमकर वायरल हो रहा है पूरा मामला भावल खेड़ा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकभिठारा बरतारा से जुड़ा हुआ है यहां पर अधिकतर रहने वाली निशुल्क एंबुलेंस सेवा 102 गाड़ी संख्या UP 32 – EG 72 64 सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से प्राइवेट हॉस्पिटल को मरीज पहुंचाने का काम कर रही है लोगों की माने तो इस एंबुलेंस को कई बार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकभिठारा से सीतापुर हाईवे पर स्थित जमुका के बालाजी हॉस्पिटल मरीज ले जाते देखा गया है जब इस बात की क्षेत्र में चर्चा हुई कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात नर्स द्वारा स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को पहले स्टाफ द्वारा हालत गंभीर बताकर डराया जाता है और फिर सेटिंग वाले बालाजी हॉस्पिटल में सरकारी एंबुलेंस से मरीज भेज कर उनका प्रसव कराया जाता है जहां अधिकतर गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन करके मोटी रकम वसूली जाती है इन चर्चाओं के बीच इसकी सत्यता जानने के लिए एक व्यक्ति द्वारा बालाजी हॉस्पिटल की बगल वाली बिल्डिंग पर चढ़कर सरकारी एंबुलेंस से बालाजी हॉस्पिटल के ठीक सामने मरीज उतारते और स्ट्रेचर पर मरीज अस्पताल ले जाते हुए वीडियो बनाया गया जिसमें बालाजी हॉस्पिटल के सामने रखी पानी की टंकी और हॉस्पिटल का टीन सेट एंबुलेंस के साथ में साफ-साफ नजर आ रहा है जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी राजीव कुमार भारती को पहले फोन किया गया और जब फोन नहीं उठा तो उनके व्हाट्सएप पर वीडियो भेज कर पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया इस प्रकरण से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी व्हाट्सएप पर वीडियो सहित अवगत कराया गया लेकिन इस पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं आई स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ने कोई जवाब नहीं दिया ऐसे गंभीर मामले में अधिकारियों की चुप्पी बताती है कि स्वास्थ्य विभाग की जानकारी और छत्र छाया में इस तरह प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केदो से प्राइवेट हॉस्पिटल में भेज कर आर्थिक पीड़ा दी जा रही है और अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं फिलहाल इस मामले में निशुल्क एंबुलेंस सेवा 102 का जनपद में चार्ज देख रहे डॉक्टर उमेंद्र राठौर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले की गंभीरता पूर्वक जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी

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